Veterinary course: #01 Dairy और Goat Farming करने वाले किसान, स्वयं अपने पशुओं की इलाज, जानिए कैसे कर सकते है

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पशु चिकित्सा एक बहुत-बड़ी जिम्मेदारी का काम है. पशुओ का इलाज कई प्रकार से किया जाता है जैसे देशी या घरेलु इलाज, एलोपैथिक इलाज और हेमोपैथिक इलाज

वेटरनरी डॉक्टर बनने के लिए 10th करने के बाद से ही तैयारी करनी होती है, जैसे 12th में साइंस बायोलॉजी से पढ़ाई करनी होती है जिसमे ५०% लाना होता है। और उसके बाद एंट्रेंस एग्जाम देना होता है, जैसे ICAR AIEEA या AIPVT या IVRI एंट्रेंस एग्जाम और सभी राज्य में अपने-अपने टेस्ट होते है।

लेकिन हम और आप इस कसौटी में नहीं उतर पाते है फिर भी सरकार और बहुत सारे संस्थान द्वारा प्राथमिक पशु चिकित्सा कोर्स कराया जाता है. गाँव में पशु के बीमार होने पर बीमारी को अधिक बढ़ने से रोकने के लिए उपलब्ध संसाधनों द्वारा, पशु के लक्षणों के अनुसार, डाक्टर के आने तक जो उपाय व चिकित्सा की जाती है, वह प्राथमिक पशु चिकित्सा कहलाती है।

यही प्राथमिक पशु चिकित्सा(Veterinary First Aid course) कोर्स online करना चाहते है तो आप Veterinaryfarm.com या veterinary farm youtube channel या veterinary farm Telegram पर जाकर कर सकते है।

ये प्राथमिक पशु चिकित्सा course करने के बाद आप गाय, भैंस, भेड़, बकरी और कुत्ते बिल्ली का इलाज आप आसानी से कर सकते है।

Note:- ये कोर्स सिर्फ जानकारी मात्र के लिए बनाया गया है, इस कोर्स में हम आपको किसी तरह का कोई certificate या Degree नहीं देने वाले है। जानकरी मात्र के लिए आप कर सकते है।

प्राथमिक पशु चिकित्सा की परिभाषा

गाँव में पशु के बीमार होने पर बीमारी को अधिक बढ़ने से रोकने के लिए उपलब्ध संसाधनों द्वारा, पशु के लक्षणों के अनुसार, डाक्टर के आने तक जो उपाय व चिकित्सा की जाती है, वह प्राथमिक पशु चिकित्सा कहलाती है।

प्राथमिक पशु चिकित्सा का महत्व

पशुओं के बीमार होने पर पशु चिकित्सा के अभाव में पशुओं की बीमारी की अवस्था बिगड़ती है जिससे पशुओं की मृत्यु होने से काफी धन की हानि होती है अथवा दुग्ध उत्पादन में काफी कमी हो जाती है।

यदि पशु का समय से प्राथमिक चिकित्सा मिल जाय तो इस हानि से बचा जा सकता है। पशु चिकित्सक गाँव से बहुत दूर शहरों में रहते हैं। यदि पशु की बीमारी रात के समय में बढ़ जाती है तो ग्राम स्तर पर चिकित्सा उपलब्ध न होने के कारण पशु की मृत्यु भी हो सकती है। इसी महत्ता को ध्यान में रखते हुए ग्रामीण स्तर पर चिकित्सा का ज्ञान होना अनिवार्य हो जाता है।

यदि किसी गाँव में प्राथमिक पशु चिकित्साकर्ता प्राथमिक पशु चिकित्सा प्रशिक्षित हो, तो पशु चिकित्सक के आने तक गम्भीर रूप से बीमार पशु की प्राथमिक चिकित्सा भी सम्भव हो सकती है तथा पशु को मरने से बचाया जा सकता है या बीमारी को और अधिक बढ़ने से रोका जा सकता है तथा घातक बीमारियों के टीके पूर्व में ही लगवाये जा सकते हैं।

ग्राम वासियों को समय-समय पर टीके लगवाने हेतु प्रेरित किया जा सकता है अर्थात समस्त बीमारियों की रोकथाम प्राथमिक पशु चिकित्साकर्ता द्वारा गॉव स्तर पर ही की जा सकती है क्योंकि रोकथाम उपचार से बढ़कर होती है।

प्राथमिक पशु चिकित्सा कोर्स में हमें क्या जानने को मिलेगा ?

  1. Animal First Aids
    1. स्वस्थ पशु के लक्षण
    2. बीमार पशु के लक्षण
    3. वेटरनरी मेडिसिन के संछिप्त नाम तथा उनका विवरण 
    4. पशु रोगों का वर्गीकरण
    5. पशुओं में पोषक तत्वों के अभाव वाले रोग
    6. संक्रामक या छूतवाले (संसर्गी) रोग
    7. पशुओ में परजीवी एवं फॅफूदी रोग
    8. पशुओं में त्वचा रोग
    9. पशुओं में विष वाले रोग
    10. पशुओं में घाव का इलाज
    11. पशुओं में फोड़ा-फुन्सी का इलाज
    12. पशुओं में खून बहने का इलाज
    13. पशुओं में जलन का इलाज
    14. पशुओं में कन्धा आने का इलाज
    15. पशुओं में चोट-मोच का इलाज
    16. पशुओं में टूटी हुई हड्डियों का इलाज
    17. पशुओं के टूटे हुए सींग का इलाज
    18. पशुओं के आँख रोग का इलाज 
  2. Animal Management
  3. Animal Breeding
  4. पशुओं का घरेलू और देशी ईलाज
  5. पशुओं का हेमोपैथिक ईलाज
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