पशुओं में जलन का इलाज: जलना (Burns) पशुओं में एक बहुत दुःख भरा बीमारी होता है जिसमे पशुओं को जलन काफी ज्यादा होता है। पशु हमेशा बेचैन रहता है।
इसलिए पशुओं के पास किसी तरह का गरम पानी, गरम तेल, गरम लोहा और आग जैसे चीज नहीं रहने देना चाहिए।
पशुओं में जलन का कारण व लक्षण
जलना (Burns)- जब किसी पशु के शरीर का भाग गरम पानी, गरम तेल, अम्ल गर्म धातु अथवा आग से जल जाता है तथा फफोले पड़ जाते हैं अथवा जला हुआ भाग काला पड़ जाता है, इस प्रकार जलने के स्थान पर विष एकत्रित हो जाता है जो बाद में पूरे शरीर में फैल जाता है। यही पशुओ में जलन का मुख्य कारण है।
पशुओं में जलन का इलाज
प्राथमिक पशु चिकित्सा –
(i) यदि पशु का अंग तुरन्त जला है तो जलने के स्थान पर शीघ्र ठंडा जल या बर्फ लगानी चाहिए।
(ii) चूने का पानी या अलसी का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर लगाना चाहिए।
(iii) दूध का छोआ, गर्म सिरका, स्याही, लिक्विड पैराफीन या वैसलीन आदि लगाना चाहिए ।
(iv) बरनोल, टेरामाइसिन मलहम, सोफामाइसिन मलहम, हिमैक्स चर्मिल आदि लगायी जा सकती है।
(v) सोडियम बाई कार्बोनेट या मैग्नीसियम बाई कार्बोनेट का 10% धोल लगाना चाहिए ।
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